मिल जुल कर रहना – बाल कविता October 21, 2022 मिल जुल कर रहना बच्चों, सब मिल – जुल कर रहना, देखो झूठ कभी ना कहना। किसी बात में जिद ना करना, और नहीं आपस में लड़ना। माता-पिता का कहना मानो, रोना, डरना, कभी ना जानो। पढ़ – लिखकर बनो होशियार, सभी करेंगे तुमको प्यार। Related Posts हाथी राजा – बाल कविता जोकर – बाल कविता लकड़ी की काठी – बाल कविता About The Author gvsaini777 Add a Comment Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.