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मिल जुल कर रहना – बाल कविता

मिल जुल कर रहना – बाल कविता

 मिल जुल कर रहना

बच्चों, सब मिल – जुल कर रहना,

देखो झूठ कभी ना कहना।

किसी बात में जिद ना करना,

और नहीं आपस में लड़ना।

माता-पिता का कहना मानो,

रोना, डरना, कभी ना जानो।

पढ़ – लिखकर बनो होशियार,

सभी करेंगे तुमको प्यार।

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