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मुर्गी – बाल कविता

मुर्गी – बाल कविता

 मुर्गी

मुर्गी आई – मुर्गी आई,

चूहों ने भी दौड़ लगाई।

हाँफ रही गर्मी के मारे,

जल्दी पहुंची नदी किनारे।

पहले पीना पानी ठंडा,

फिर देना सोने का अंडा।

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